घर गृहस्थी में फँसना जानबूझ कर मुसीबत मोल लेना है, क्योंकि फूल की डाल नीचे को झुके |
घर गृहस्थी में फँसना जानबूझ कर मुसीबत मोल लेना है, क्योंकि फूल की डाल नीचे को झुके |
वह इतनी बेशऊर है कि हमेशा कुछ न कुछ नुकसान करती रहती है| उस पर तो ‘फूहड़ चालै, नौ घर हालै’ वाली कहावत बिलकुल सही बैठती है|
वह इतनी बेशऊर है कि हमेशा कुछ न कुछ नुकसान करती रहती है| उस पर तो ‘फूहड़ चालै, नौ घर हालै’ वाली कहावत बिलकुल सही बैठती है|
पति ने इतनी सुन्दर और कीमती घड़ी लाकर दी और ये इसे पहनकर झाड़ू-बर्तन कर रही है| किसी ने सच ही कहा है कि फूल नहीं तो पंखुड़ी ही सही||
पति ने इतनी सुन्दर और कीमती घड़ी लाकर दी और ये इसे पहनकर झाड़ू-बर्तन कर रही है| किसी ने सच ही कहा है कि फूल नहीं तो पंखुड़ी ही सही||
सोमेश ने इतनी ऊँची शिक्षा ग्रहण की है, लेकिन पहले से भी अधिक सबका ध्यान रखता है, कहते हैं न कि फूल टहनी में ही अच्छा लगता है||
सोमेश ने इतनी ऊँची शिक्षा ग्रहण की है, लेकिन पहले से भी अधिक सबका ध्यान रखता है, कहते हैं न कि फूल टहनी में ही अच्छा लगता है||
Correct Answer:
वह इतनी बेशऊर है कि हमेशा कुछ न कुछ नुकसान करती रहती है| उस पर तो ‘फूहड़ चालै, नौ घर हालै’ वाली कहावत बिलकुल सही बैठती है|
वह इतनी बेशऊर है कि हमेशा कुछ न कुछ नुकसान करती रहती है| उस पर तो ‘फूहड़ चालै, नौ घर हालै’ वाली कहावत बिलकुल सही बैठती है|